केंद्र सरकार से 7वें वेतन आयोग के तहत बेसिक पे बढ़ाने की मांग के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) को फिर से बहाल करने की मांग पूरे देश में जोर पकड़ रही है. जम्मू-कश्मीर, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में ओपीएस की मांग तेज हो रही है. दिल्ली सरकार ने कर्मचारियों को ओपीएस लागू करने का आश्वासन दिया है. इससे अन्य राज्यों के कर्मचारियों को अपने यहां भी ओपीएस लागू होने की उम्मीद जगी है.
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी हाल में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कराने की कोशिश करेंगे. यूपी की संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4) के अध्यक्ष एसपी तिवारी की मानें तो 21 दिसंबर 2018 से 21 जनवरी 2019 के बीच यूपी के लाखों कर्मचारी ओपीएस के लिए संघर्ष करेंगे. वे पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम तक अपनी मांग पहुंचाएंगे. इसके बाद भी ओपीएस लागू नहीं हुआ तो फिर 21 जनवरी से 5 फरवरी 2019 के बीच सरकारी कर्मचारी गिरफ्तारी देंगे और जेल भरो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे. इस आंदोलन में सरकारी कर्मचारी के साथ शिक्षक वर्ग भी शामिल है.
दिल्ली सरकार ने दिया आश्वासन
S4 के महासचिव आरके निगम ने कहा कि सरकारी कर्मचारी 30 साल से अधिक समय तक राज्य सेवा में रहता है. लेकिन उसे पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी. जबकि सांसद व विधायक अगर 1 दिन के लिए भी इस पद पर रहते हैं तो वे आजीवन पेंशन के पात्र हो जाते हैं. अगर सरकारी कर्मचारी की पेंशन बंद कर दी गई है तो माननीयों की पेंशन भी बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था अपने यहां लागू करने का आश्वासन दिया है. यह सरकारी कर्मचारियों की जीत है.
S4 के महासचिव आरके निगम ने कहा कि सरकारी कर्मचारी 30 साल से अधिक समय तक राज्य सेवा में रहता है. लेकिन उसे पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी. जबकि सांसद व विधायक अगर 1 दिन के लिए भी इस पद पर रहते हैं तो वे आजीवन पेंशन के पात्र हो जाते हैं. अगर सरकारी कर्मचारी की पेंशन बंद कर दी गई है तो माननीयों की पेंशन भी बंद होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था अपने यहां लागू करने का आश्वासन दिया है. यह सरकारी कर्मचारियों की जीत है.