भारतीय डाक न सिर्फ छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने का एक बेहतर प्लेटफॉर्म देता है, बल्कि आकर्षक रिटर्न के साथ ही टैक्स छूट भी प्रदान करता है. आप चाहें तो इसकी कुछ निवेश विकल्प में पैसे निवेश कर टैक्स छूट भी पा सकते हैं. आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय से एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक कर छूट प्राप्त कर सकते हैं. आप इन बचत योजनाओं का उपयोग कर छूट का दावा कर सकते हैं. डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों के मुताबिक चलती हैं, जिन्हें तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है.
टाइम डिपॉजिट (टीडी) या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में, एक तय अवधि के लिए एकमुश्त पैसा निवेश कर सकते हैं. इसमें आप निश्चित रिटर्न और ब्याज भुगतान का लाभ उठा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (टीडी) या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) खाता चार परिपक्वता अवधि- एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल के लिए ब्याज दरों की पेशकश करता है. भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 5 साल की सावधि जमा के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में, एक तय अवधि के लिए एकमुश्त पैसा निवेश कर सकते हैं. इसमें आप निश्चित रिटर्न और ब्याज भुगतान का लाभ उठा सकते हैं. पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (टीडी) या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) खाता चार परिपक्वता अवधि- एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल के लिए ब्याज दरों की पेशकश करता है. भारतीय डाक की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 5 साल की सावधि जमा के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश पर भी आप आयकर लाभ ले सकते हैं. दिसंबर में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए, PPF खातों में जमा राशि पर सालाना 8 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है. जमा पर ब्याज की गणना सालाना आधार पर की जाती हैं, जिसका अर्थ है कि इसे हर साल मूलधन में जोड़ा जाता है. पीपीएफ कर की छूट, छूट, छूट (EEE) श्रेणी के अंतर्गत आता है. इसका मतलब यह है कि रिटर्न, परिपक्वता राशि और ब्याज आय को आयकर से छूट मिलती है.
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश पर भी आप आयकर लाभ ले सकते हैं. दिसंबर में समाप्त होने वाली तिमाही के लिए, PPF खातों में जमा राशि पर सालाना 8 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है. जमा पर ब्याज की गणना सालाना आधार पर की जाती हैं, जिसका अर्थ है कि इसे हर साल मूलधन में जोड़ा जाता है. पीपीएफ कर की छूट, छूट, छूट (EEE) श्रेणी के अंतर्गत आता है. इसका मतलब यह है कि रिटर्न, परिपक्वता राशि और ब्याज आय को आयकर से छूट मिलती है.
डाकघर वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
वरिष्ठ नागरिकों को एक सफल जीवन बिताने के लिए पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) पैसे बनाने में काफी कारगर है. फिलहाल इस योजना में सालाना 8.7 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है, जो 31 मार्च/30 सितंबर/31 दिसंबर को जमा करने की तारीख से पहली बार में देय होता है और उसके बाद 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर में ब्याज देय होता है. यदि ब्याज राशि सालाना 10000 रुपये से अधिक है, तो स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस काटी जाती है. इस योजना के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ प्राप्त होता है.
वरिष्ठ नागरिकों को एक सफल जीवन बिताने के लिए पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) पैसे बनाने में काफी कारगर है. फिलहाल इस योजना में सालाना 8.7 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है, जो 31 मार्च/30 सितंबर/31 दिसंबर को जमा करने की तारीख से पहली बार में देय होता है और उसके बाद 31 मार्च, 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर में ब्याज देय होता है. यदि ब्याज राशि सालाना 10000 रुपये से अधिक है, तो स्रोत पर कर कटौती यानी टीडीएस काटी जाती है. इस योजना के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स लाभ प्राप्त होता है.
डाकघर राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी)
भारतीय डाक की तरफ से चलने वाली यह निवेश योजना काफी प्रचलित है. एनडीटीवी प्रोफिट की खबर के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश पर सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है. इसमें ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है, लेकिन ब्याज की राशि निवेश के परिपक्व होने पर ही दी जाती है. एक 100 रुपये की एनएससी पांच साल बाद 146.93 रुपये हो जाएगी. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट मिलती है.
भारतीय डाक की तरफ से चलने वाली यह निवेश योजना काफी प्रचलित है. एनडीटीवी प्रोफिट की खबर के मुताबिक, पोस्ट ऑफिस नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश पर सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रही है. इसमें ब्याज की गणना सालाना आधार पर होती है, लेकिन ब्याज की राशि निवेश के परिपक्व होने पर ही दी जाती है. एक 100 रुपये की एनएससी पांच साल बाद 146.93 रुपये हो जाएगी. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट मिलती है.
Source : -Zeebiz