संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय से सिफारिश की है कि केंद्र और राज्य सरकार की सेवाओं में सीधी नियुक्ति चाहने वाले उम्मीदवारों के लिए 5 साल की अनिवार्य सैन्य सेवा किया जाये. ये सिफारिश की गई है कि इससे सशस्त्र बलों में अधिकारियों की कमी दूर होगी. इस सिफारिश को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के साथ भी उठाया गया है. लेकिन विभाग की तरफ से अभी तक समिति को कोई जवाब नहीं मिला है. इससे ये अभी साफ नहीं है कि अगर ये सिफारिश मान ली जाती है तो इसे कैसे अमल में लाया जाएगा. समिति ने अपनी रिपोर्ट में अधिकारियों की कमी से निपटने को प्राथमिकता देने को कहा है.
बता दें कि सेना के तीनों अंग जहां एक ओर अधिकारियों की कमी से जूझ रहे हैं वहीँ दूसरी ओर उनकी चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है. थल सेना में 7679 अधिकारियों नौसेना में 1434 और वायु सेना में 146 अधिकारियों की कमी है. वहीं, सेना में जेसीओ और जवानों की बात करे तो थल सेना में 20185, नौसेना में 14730 और वायु सेना में 15357 सैनिकों की कमी है.
इजरायल और यूरोप जैसे कई देशों में हर किसी के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान है.