लोकसभा में हंगामें के बीच ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पास हो गया है. इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों को फायदा होगा. उनकी 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी की रकम टैक्स फ्री हो जाएगी.
अभी संगठित क्षेत्र में 5 साल या इससे ज्यादा अवधि तक नौकरी कर चुके कर्मचारी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने के बाद 10 लाख रुपये तक की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी के योग्य माने जाते हैं. लेकिन इस बिल के कानून बन जाने के बाद यह सीमा दुगुनी हो जाएगी.
10 लाख है मौजूदा सीमा
मौजूदा समय में 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है. ग्रेच्युटी संगठित क्षेत्र के उन कर्मचारियों को मिलती है, जो किसी कंपनी में 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए अपनी सेवा देते हैं. उन्हें ग्रेच्युटी नौकरी छोड़ने पर या फिर सेवानिवृत्ति के समय पर दी जाती है.
क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी भुगतान विधायक, 1972 को फैक्ट्री, खदानों, बंदरगाहों समेत अन्य कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था. यह कानून उन पर लागू होता है, जिस कंपनी में कम से कम 10 कर्मचारी हों.
इसके साथ ही कर्मचारी ने 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए यहां काम किया हो. ग्रेच्युटी दरअसल कर्मचारी की कंपनी के लिए लंबी सेवा की सराहना करने का एक जरिया है.
इससे पहले ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री सीमा 2010 में तय की गई थी. तब से लेकर अब तक इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. लेकिन लोकसभा में इस बिल के पास होने के बाद टैक्स फ्री ग्रेच्युटी का 20 लाख रुपये होने का रास्ता साफ हो गया है.