मिलिए श्री तरुण भट्ट से,जोकि वर्तमान में कुरुक्षेत्र प्रखंड के कैथल मुख्यडाकघर में बतौर डाक सहायक और सिस्टम मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।इनकी कहानी कुछ खास है,और ये कहानी आप सब तक पहुंचानी भी जरूरी है।
इनके कार्यालय रहते हुए एक व्यक्ति अपना कार्य कराने के लिए आया। जिनका नाम सुरेंदर सिंह था और वो भारतीय सेना में थे। उनकी बेटी का इस डाकघर में सुकन्या समृद्धि एकाउंट था लेकिन इनकी बेटी का असमय ही स्वर्गवास हो गया।अब वो इस खाते को बन्द कराने हेतु इस कार्यालय में आये तो उनको वहां पर एक व्यक्ति ने संतोषजनक जवाब नही दिया जिसके बाद उन्हें लगा कि उन्हें भी अन्य सरकारी विभागों की तरह के चक्कर काटने पड़ेंगे।लेकिन पीछे बैठे तरुण भट्ट (सिस्टम मैनेजर cum डाक सहायक) ने उनको अपने पास बिठाया और पहले तो उनके लिए पानी मंगवाया।और क्लेम फॉर्म मंगवाकर उसको भरवा भी दिया।
और उनको दो दिन पश्चात आने के लिए कहा। वो व्यक्ति उस डाकघर की ऐसी कार्यवाही से बहुत खुश हुआ।और उसे लगा कि वाकई डाक विभाग में आज भी वही ईमानदार और कर्मठ कर्मचारी हैं।श्रीमान तरुण भट्ट ने उनके क्लेम केस को सिर्फ दो दिन में सैंक्शन करके चेक उनको सुपुर्द कर दिया।उसके बाद उस व्यक्ति को लगा कि लोग शिकायत तो बहुत करते हैं प्रशंसा कोई नही करता।
तो उन्होंने इस घटना के बारे में पत्र लिखकर अधीक्षक डाकघर कुरुक्षेत्र प्रखंड को भी बताया।और लिखा
" एक सरकारी कर्मचारी के ऐसे बर्ताव से मुझे बहुत खुशी हुई,और अगर ऐसे कर्मचारी हर सरकारी विभाग में हो तो आम जनता को कोई तकलीफ ही न हो।में खुद भारतीय सेना में हूँ और ऐसे आम जनता की निष्ठापूर्वक सेवा करना भी देश सेवा से कम नही।मेरा ये पत्र लिखने का यही आशय है कि आपके अधीन कर्मचारी बहुत ही निष्ठापूर्वक अपना कार्य कर रहें हैं"
पोस्टल ब्लॉग से हुई बातचीत में श्रीमान तरुण भट्ट ने बताया कि उनका लक्ष्य ईमानदारी और निष्ठापूर्वक कार्य करना है जिससे कोई भी व्यक्ति डाकघर से दुखी होकर वापिस ना जाये।उन्होंने कहा कि हमें ग्राहक को बहुत ही प्यार से ट्रीट करना चाहिए और उसकी बात आराम से सुननी चाहिए।
निश्चय ही ऐसे ऐसे कर्मचारियों की डाक विभाग को जरूरत है।इस बात को आपके समक्ष लाने का यही उद्देश्य है कि सब इस घटना का अनुसरण करें और सभी को इससे प्रेरणा मिले।
Postal Blog का ऐसे कर्मचारियों को सलाम है।