Phool Waalon KI Sair 2019: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करवाचौथ के दिन 17 अक्टूबर को हाफ डे घोषित कर दिया दिया गया है. इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. फूल वालों की सैर त्योहार के चलते 17 अक्टूबर को दिल्ली में ये आधे दिन की छुट्टी घोषित की गई है.
Phool Waalon KI Sair 2019: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में करवाचौथ के दिन 17 अक्टूबर को हाफ डे घोषित कर दिया दिया गया है. इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. फूल वालों की सैर त्योहार के चलते 17 अक्टूबर को दिल्ली में ये आधे दिन की छुट्टी घोषित की गई है.
शुरू हो चुका है उत्सव
फूलवालों की सैर उत्सव 2019, 14 अक्टूबर से शुरू हो चुका है ये उत्सव 22 अक्टूबर तक चलेगा. 17 अक्टूबर को दोपहर 02 बजे के बाद दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में छुट्टी रहेगी.
फूलवालों की सैर उत्सव 2019, 14 अक्टूबर से शुरू हो चुका है ये उत्सव 22 अक्टूबर तक चलेगा. 17 अक्टूबर को दोपहर 02 बजे के बाद दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों में छुट्टी रहेगी.
क्या है फूल वालों की सैर
फूलवालों की सैर त्योहार दिल्ली में काफी समय से बनाया जा रहा है. इस त्योहार को अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशा संस्था आयोजित करती है. इस त्योहार को सांप्रदायिक सौहार्द और कौमी एकता के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर एक जुलूस निकाला जाता है और आखिर में अंजुमन सैर ए गुलफरोशां के प्रतिनिधियों की ओर से उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को फूलों का पंखा भेंट किया जाता है.
फूलवालों की सैर त्योहार दिल्ली में काफी समय से बनाया जा रहा है. इस त्योहार को अंजुमन सैर-ए-गुल फरोशा संस्था आयोजित करती है. इस त्योहार को सांप्रदायिक सौहार्द और कौमी एकता के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस मौके पर एक जुलूस निकाला जाता है और आखिर में अंजुमन सैर ए गुलफरोशां के प्रतिनिधियों की ओर से उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को फूलों का पंखा भेंट किया जाता है.
दरगाह पर चढ़ाएंग चादर
फूलवालों की सैर कार्यक्रम सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन महरौली स्थित सूफी संत ख्वाजा कुतुबद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पर दोनों समुदाय हिंदू और मुसलमान ढोल-ताशों के साथ फूलों की चादर और पंखा चढ़ाएंगे और पांडव कालीन योगमाया जी मंदिर’ में फूलों का छत्र और पंखा चढ़ाएंगे.
फूलवालों की सैर कार्यक्रम सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन महरौली स्थित सूफी संत ख्वाजा कुतुबद्दीन बख्तियार काकी की दरगाह पर दोनों समुदाय हिंदू और मुसलमान ढोल-ताशों के साथ फूलों की चादर और पंखा चढ़ाएंगे और पांडव कालीन योगमाया जी मंदिर’ में फूलों का छत्र और पंखा चढ़ाएंगे.