Bills सबमिट करने के लिए आप बहुत दबाव में होंगे लेकिन इससे उबरने के लिए Fake Bills का सहारा लेने पर आप भारी मुश्किल में पड़ सकते हैं.
चालू वित्त वर्ष 2018-19 समाप्त होने में अब बस कुछ ही महीने बचे हैं. इम्प्लॉइज को अपने HR डिपार्टमेंट की तरफ से Reimbursement के लिए बिल्स सबमिट करने के लिए मेल मिलने लगे हैं. इसे जल्द से जल्द सबमिट करने की कोशिश में कई लोग Fake Bills जमा करवा देते हैं लेकिन ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
किस बिल पर मिलती है छूट
ऐसे कई एक्सपेंसेज हैं जिसे दिखाकर कोई भी इंप्लॉई अपने इंप्लॉयर से Reimbursement का दावा कर सकता है. सबसे कॉमन Medical Bills और Leave Travel Allowance (LTA) Bills हैं. 15 हजार रुपये तक के मेडिकल बिल्स पर Reimbursement का दावा किया जा सकता है और LTA में देश भर में की गई ट्रेन और हवाई यात्राओं के टिकट्स पर इसका दावा किया जा सकता है.
इनके अलावा घर के किराये पर भी यह राहत मिलती है. हालांकि 1 लाख रुपये से अधिक के किराये पर मकान मालिक का भी पैन कार्ड अपने इंप्लॉयर को देना होता है, नहीं तो आयकर विभाग इसे मानने से इनकार कर देगा और इसे आय मानते हुए टैक्स के साथ पेनाल्टी भी भरने को कह सकता है.
200% तक लग सकता है जुर्माना
अगर आपने अपनी इनकम कम दिखाई है तो I-T एक्ट के सेक्शन 270A(1) के तहत 50 फीसदी तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि अगर आपने इसे कम दिखाने के अलावा गलत तरीके से दिखाया है तो यह जुर्माना बढ़कर 200 फीसदी तक हो सकता है.
डिजिटल बैंकिंग से प्रूफ देना आसान
अगर आपको कोई भी पेमेंट करना है तो अधिकतम कोशिश करिए कि वह नेट बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के जरिए करिए. इससे आपको अपने खर्च का प्रमाण देना आसान हो जाएगा.
Source : - Taxguru