ऐसे कई निवेश के तरीके हैं जिनसे पेंशन पाने के लिए रिटायरमेंट फण्ड जमा किया जा सकता है. हालांकि, तीन ऑप्शन हैं जिनसे आप सीधे फण्ड इकठ्ठा कर सकते हैं- पब्लिक प्रोविडेंट फंड(Public provident fund), इंम्पलॉइ प्रोविडेंट फंड(Employee Provident Fund) और नेशनल पेंशन स्कीम(NATIONAL PENSION SCHEME)
निवेश के आज ऐसे कई विकल्प हैं, जिनके जरिए पेंशन के साथ रिटारयमेंट के लिए एक अच्छा खासा फंड बनाया जा सकता है. इनमें कुछ बेहतर विकल्पों की बात करें तो इनमें तीन स्कीम्स काफी पॉपुलर और बेहतर हैं. ये स्कीम्स पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इंम्पलॉइज प्रोविडेंट फंड (EPF) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) है. PPF की बात करें तो यह एक वॉलेंटरी इंवेस्टमेंट स्कीम है, यानी इसमें निवेश करना ना करना निवेशक की अपना इच्छा है. EPF में निवेश करना प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए जरूरी है, वहीं, अब NPS सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य हो गया है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड( PUBLIC PROVIDENT FUND)
PPF खाते के तहत आप हर साल अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा कर सकते हैं. PPF में निवेश की रकम को सेक्शन 80C के अन्दर डिडक्शन मिल जाती है. PPF योजना 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है. हालांकि, 7 साल बाद भी इस योजना में से कुछ रकम निकाली जा सकती है. PPF खाते को 15 साल पूरे होने के बाद 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है. 5 साल के बाद इस खाते को प्री-मेच्योर भी बंद किया जा सकता है. इस योजना के तहत निवेश 500 रुपये से शुरू होकर 1.5 लाख रुपये तक किया जा सकता है. मौजूदा ब्याज दर 8 फीसदी है. आप अपने या नाबालिग बच्चे के नाम पर एक PPF खाता खोल सकते हैं.
नेशनल पेंशन स्कीम (NATIONAL PENSION SCHEME)
ये स्कीम 2008 में शुरु हुई थी. जो लोग प्राइवेट सेक्टर में काम करते हैं, वो लोग इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इस योजना में निवेश करने पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है. आप ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं. अपने रिस्क फैक्टर के हिसाब से आप अलग-अलग NPS योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. निवेशक को सेक्शन 80C के तहत टैक्स में डिडक्शन मिल जाती है. हालांकि, यदि व्यक्ति द्वारा किया गया निवेश वॉलेंटरी है, तो बजट 2016 के अनुसार, आप अलग से 50,000 रुपए का सेक्शन 80CCD(1B) के तहत टैक्स में डिडक्शन ले सकते हैं.
इम्प्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EMPLOYEE PROVIDENT FUND)
EMPLOYEE PROVIDENT FUND किसी भी ऐसी कंपनी पर लागू होता है 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी होते हैं. EPF में मिलने वाली ब्याज दरें EPFO द्वारा तय की जाती है. फिलहाल EPF में 8.5 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिलता है. कोई भी व्यक्ति आमतौर पर EPF में से पैसा नहीं निकाल सकता. लेकिन अगर आपके पास नौकरी नहीं है , तो उस दौरान आप EPF में से पैसा निकाल सकते हैं. EPF में निवेश को EPFO द्वारा मैनेज किया जाता है.
Source:- Financial Express